नासूर
खुद को ही खुदा समझ बैठे हो तुम ? क्या खुदाई नजर नहीं आ रहीं उस खुदा की ? क्यों
Read Moreकुछ यूं बदला वक्त की सब कुछ बदलता चला गया। जमी ये आसमा और आसमा से जमी सब कुछ यूं
Read Moreहे ईश्वर ! मैं कुछ खास नहीं फिर भी गुफ्तगू करता हूं तुमसे दुनिया का हाल छोड़कर। लोग पूछते हैं
Read Moreबीत गया जो वक्त तो अब क्यों मुझे तलाश रहे हो। जब थे आपके पास तो बस आपके ही थे।
Read Moreमेरी माता शेरोवाली मेरे घर भी तू आ जाना बच्चे जो तुझे पुकारे एक बार तो दर्शन दे जाना मेरी
Read Moreक्यों अच्छा लग रहा है न? अब पंछियों की तरह कैद होकर तुम ही तो कहते थे न, सब कुछ
Read Moreखूबसूरती सिर्फ जिस्म में ही नहीं, दिल में भी होती है। जरा ओढ़ कर देखना मेरी हस्ती की मिटी हुई,
Read Moreवक़्त संहार का हैं पापियों का विनाश हैं, क्यों दुआ करु की सब रुक जाए, किये हैं जो दुष्कर्म मानव
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