पर उपदेश कुशल बहुतेरे
पंडित रामलाल मिश्र एक समाजसेवक हैं । अपने नजदीकी लोगों में पंडितजी ‘मिसिरजी ‘ के उपनाम से मशहूर हैं ।
Read Moreपंडित रामलाल मिश्र एक समाजसेवक हैं । अपने नजदीकी लोगों में पंडितजी ‘मिसिरजी ‘ के उपनाम से मशहूर हैं ।
Read Moreधनिया धीरे धीरे चलती हुयी कक्ष के बाहर दालान में आ गयी । बाबू उसे सहारा देने के लिए उसके
Read Moreअमर बड़ी देर तक सिसकता रहा । काफी सोच विचार के बाद भी किसी निर्णय पर नहीं पहुँच पा रहा
Read Moreबाबू सीढ़ियों से होकर पहली मंजिल पर स्थित सामान्य कक्ष में पहुंचा । यह सामान्य कक्ष अपेक्षाकृत बड़ा था ।
Read Moreआज दिवाली है हर घर में छलक रही खुशहाली है देश में कुछ घर ऐसे भी हैं जिनकी रातें काली
Read Moreगाड़ी सरपट भागी जा रही थी । अब तक खामोश बैठे लालाजी अचानक सुशीलादेवी से मुखातिब हुए ” शिकारपुर गाँव
Read Moreसुशिलाजी की बात सुनते ही बाबा धरनिदास ने अपना पासा फेंका ” कोई बात नहीं देवीजी ! हम तो भक्तों
Read Moreबाबा के अधरों पर एक अनोखी मुस्कुराहट तैर गयी । रहस्यमय मुस्कान के साथ धीरे से बोला ” अभी मेरे
Read Moreहर बंदा शिकार है इसका ‘ त्रस्त ये दुनिया सारी है भ्रष्टाचार नहीं मिटने का ‘ यह तो बड़ी बीमारी
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