कोरोना
आओ मिलकर आज हम सभी, सैनिक बन जाएं। इक्कीस दिन की बात है प्यारे, घर में रह जाएं।। बात नहीं
Read Moreदेखो, देखो , मदारी खेल दिखाने दोबारा आ गया। ये वाला मदारी क्या खेल दिखाता है! वाह… बीते पंचक से
Read Moreहिन्दुओं की आस्था भी मखौल बनी भारत में । देख राजनीति का ये रंग रोष छा रहा ।। ईश्वर की
Read More१. तुलसी का बिरवा नहीं, दिखता आँगन माँहि । संस्क्ति, आस्था त्याग सब, नए दौर में जाहिं ।।
Read Moreन हो ख़फा, तू लौट आ, दूरियाँ मिटाने को । तू दे ज़हर, मेरे रक़ीब, मुझे बचाने को ॥ ग़ज़ब
Read Moreभारत के धर्म – ज्ञान का प्रकाश ले चले हैं । धर्म वाली संसद पहुँचने की चाह है ।। कल
Read More. श्री राम दीक्षित “आभास ” कृत “अन्तस के बोल” काव्य संग्रह पढ़ा ! युवा रचनाकार का यह प्रथम लेकिन गंभीर
Read Moreअमर शहीद “कैप्टन मनोज पाण्डेय“ को नमन करते हुए . . श्रद्धान्जलि स्वरुप एक घनाक्षरी काव्य–पुष्प उनको अर्पित करता हूँ
Read More“माँ वाग्देवी” की वन्दना ( घनाक्षरी छन्द ) शारदे! वाणी को ओज मिले और , शक्ति मिले मन को मनभावन
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