गीतिका/ग़ज़ल रमेश मनोहरा 03/03/2023 गज़ल आयेगी कब खुशियाॅं वो सहर ढूंढ़ रहा हूॅं साहिल पर ही न डूबा दे लहर ढूंढ़ रहा हूॅं पीले साम्प्रदायिकता Read More
गीतिका/ग़ज़ल रमेश मनोहरा 02/01/2023 गज़ल जब भी मिले प्यार से मिले मियां फिर मत करिये शिकवा गिले मियां एक दिन निश्चित खुले उसकी पोल उसके Read More
मुक्तक/दोहा रमेश मनोहरा 21/12/2022 झुकता देख माथ चमचों को आज तक भी, समझ सके ना आप दो मुँह वाला है यही, इक जहरीला साँप प्यार ना पा Read More
गीतिका/ग़ज़ल रमेश मनोहरा 08/11/2022 गज़ल प्रेम सद्भाव की बात करें एक दूजे पर ना घात करें रिश्तो में छलके कोमलता इस तरह से मुलाकात करें Read More
गीतिका/ग़ज़ल रमेश मनोहरा 08/11/2022 गज़ल खुली हवा का दालान नहीं मिला रहने को ऐसा मकान नहीं मिला घूम लिया तेरा यही सारा शहर कोई भी Read More
गीतिका/ग़ज़ल रमेश मनोहरा 09/06/2022 गज़ल वैसाखियाँ थामें चल रहे हैं वे इसलिए बार-बार फिसल रहे हैं वे ये जानकर की धमक से गिरेगा वो फिर Read More
गीतिका/ग़ज़ल रमेश मनोहरा 04/04/2022 गज़ल मत बदल अपने उसूल मियाँ सच पर ही सदा तू झूल मियाँ होगी एक दिन ही विजय तेरी दे कितने Read More
गीतिका/ग़ज़ल रमेश मनोहरा 08/01/2020 गीतिका सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा हिन्दुस्तान है सबकी आँखों का है तारा मेरा हिन्दुस्तान है सूर मीरा तुलसी हों या Read More
गीतिका/ग़ज़ल रमेश मनोहरा 08/01/2020 गीतिका एक तरफ शंख बजे दूजी तरफ अजान है यही पुल तो कौमी एकता की पहचान है हो जाते हैं आपस Read More
गीतिका/ग़ज़ल रमेश मनोहरा 29/09/2019 ग़ज़ल लोग अधिक ही घबराये हुए हैं नदी के तट पर घर बनाये हुए हैं भीड़ में कैसे पहचानोगे उसे जबकि Read More