गजल
कदम नेह के पथ पे रखना संभलकर नहीं तो किसी पग गिरोगे फिसलकर। ये तुम्हें रोकना, चाहता जग है सारा,
Read Moreछिन्न भिन्न कर डाला उसको प्रकृति के भींगे है नयन तभी कोरोना तभी अधियाँ आफत आई है ये गहन मिली
Read Moreप्रेम, दया, करुणा रखने का तुम कैसा पाठ पढ़ाते हो या फिर आत्म क़सीदे गढ़के खुद को श्रेष्ठ बताते हो
Read Moreबन्द रहेंगे मंदिर – मस्जिद , खुली रहेंगी मधुशाला। गांधी जी के देश मे देखो, क्या होता है गोपाला । हर जगहा
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