गीत “गंगा में स्नान करो”
गीत “गंगा में स्नान करो” —गंगा में स्नान करो,कीचड़ में रहने वालो।अच्छे-अच्छे काम करो,ओ नवयुग के मतवालो।।—अपना भारत देशविश्व में
Read Moreगीत “गंगा में स्नान करो” —गंगा में स्नान करो,कीचड़ में रहने वालो।अच्छे-अच्छे काम करो,ओ नवयुग के मतवालो।।—अपना भारत देशविश्व में
Read Moreहोने को अब जा रहा, जीवन का अवसान।कलुषित मन की कामना, बन्द करो श्रीमान।।—बढ़ती ज्यों-ज्यों है उमर, त्यों-त्यों बढ़ती प्यास।कामी
Read Moreस्वप्न पलते रहे, रूप छलते रहे।रोशनी के बिना, दीप जलते रहे।। अश्रु सूखे हुए, मीत रूठे हुए,वायदे प्यार के, रोज
Read Moreआम, जामुन, नीम-शीशम, जल गये हैं आग मेंकुछ कँटीले पेड़ ही अब, रह गये हैं बाग में—सुमन तो मुरझा गये
Read Moreबौरायें हैं सारे तरुवर, पहन सुमन के हार।मोह रहा है सबके मन को बासन्ती शृंगार।।—गदराई है डाली-डाली,चारों ओर सजी हरियाली,कुहुक
Read Moreवासन्ती मौसम आया है,प्रीत और मनुहार का।गाता है ऋतुराज तराने,बहती हुई बयार का।।—पंख हिलाती तितली आयी,भँवरे गुंजन करते हैं,खेतों में
Read Moreधक्का-मुक्की रेलम-पेल।आयी रेल-आयी रेल।। इंजन चलता सबसे आगे।पीछे -पीछे डिब्बे भागे।। हार्न बजाता, धुआँ छोड़ता।पटरी पर यह तेज दौड़ता।। जब
Read Moreबात-बात पर हो रही, आपस में तकरार।भाई-भाई में नहीं, पहले जैसा प्यार।।(१)बेकारी में भा रहा, सबको आज विदेश।खुदगर्ज़ी में खो
Read Moreसुख का सूरज नहीं गगन में।कुहरा पसरा आज चमन में।।—पाला पड़ता, शीत बरसता,सर्दी में है बदन ठिठुरता,तन ढकने को वस्त्र
Read Moreकुहरा करता है मनमानी।जाड़े पर आ गयी जवानी।।—नभ में धुआँ-धुआँ सा छाया,शीतलता ने असर दिखाया,काँप रही है थर-थर काया,हीटर-गीजर शुरू
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