गीत “गंगा में स्नान करो”
गीत “गंगा में स्नान करो”
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गंगा में स्नान करो,
कीचड़ में रहने वालो।
अच्छे-अच्छे काम करो,
ओ नवयुग के मतवालो।।
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अपना भारत देश
विश्व में सबसे न्यारा है,
सबसे पहले यहाँ,
दिवाकर लाता उजियारा है,
जीवन मत बर्बाद करो,
ओ मानवता के रखवालो।
अच्छे-अच्छे काम करो,
ओ नवयुग के मतवालो।।
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सत्य-अहिंसा का पथ हमको,
गुरुनानक ने बतलाया,
गुरू-शिष्य का परम्परा का,
मन्त्र अनोखा सिखलाया,
पाठ पुरातन याद करो,
गफलत में रहने वालो।
अच्छे-अच्छे काम करो,
ओ नवयुग के मतवालो।।
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शूल हटाओ राह बनाओ,
श्रद्धा के अंकुर उपजाओ,
भारतमाता की जय बोलो,
देशभक्ति की अलख जगाओ,
नौका पार लगाने को तुम,
हाथों में पतवार सँभालो।
अच्छे-अच्छे काम करो,
ओ नवयुग के मतवालो।।
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बेटों के जैसा ही,
बेटी से भी प्यार-दुलार करो,
नारी से ही नारायण हैं,
मन में ये भी ध्यान धरो,
समता का व्यवहार करो,
सच्चाई को भी अपनालो।
अच्छे-अच्छे काम करो,
ओ नवयुग के मतवालो।।
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दया-धर्म और क्षमा-सरलता,
ही सच्चे गहने हैं,
दुर्गा-सरस्वती-लक्ष्मी ही,
जग की माता-बहने हैं।
घर अपना आबाद करो,
पूजन-वन्दन करने वालो।
अच्छे-अच्छे काम करो,
ओ नवयुग के मतवालो।।
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(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)