कविता
अब त्योहारों के बाद केहिसाब-किताब मेंखर्चे अधिक औररिश्ते कम आते है । जितना भी दिखा लो….मुस्कुराहटें उतनी ही होती हैंजितनी
Read Moreकहमुकरी जीवन में वह रस को घोलेमिश्री जैसी बातें बोलेरूठे तो वह फेरे अँखियाँक्या सखि साजनना सखि सखियाँ ।। त्रिवेणी1-
Read Moreयादों की गठरी से उसने, पत्र पुराना पाया होगा । तीव्र हुई होगी उर सरगम ,याद बहुत कुछ आया होगा
Read Moreप्रेम प्रगाढ़ हुआ प्रिय तबसे , जबसे नैनों में सच देखा । देखा मैनें अपनी सूरत तेरे हाथों में निज
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