थर्ड जेंडर -दर्द ना जाने कोय
किन्नर समुदाय हमेशा से हमारे समाज में चर्चा का विषय रहे हैं ,ज्यादातर लोग इनके नाम से ही दहशत में
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Read Moreएक उदास सी शाम में, अंधेरों के पीछे से , जब शिद्दद्त से महसूस किया मैंने एक अधूरी याद का
Read Moreहवाओं में , बिखरी है एक खास महक जैसे बिखेर दिया हो कोई अनगिनत सुर्ख गुलाब ……….! रेत के घरौंदों
Read Moreबिखरी हुई कविताओं के साथ , यूँ ही जब होती हूँ दो-चार अनायास ही बढ़ जाती है ललक कुछ नया
Read Moreशादियों का मौसम है ,हर तरफ ढोल नगाड़े,शहनाइयों की धुन है पर एक बात जो सबसे अहम् है वो यह
Read Moreसांझ की सरगोशी में लिपटे हुए ये अनमोल यादें ,,,,,, आज भी सुरक्षित हैं किसी बेशकीमती नगीने की तरह ………..
Read Moreभारतीय सभ्यता और संस्कृति की नायाब पहचान ‘संयुक्त परिवार’,जिसमें बुजुर्गों की छत्र- छाया होती थी और उस छत्रछाया के अंदर
Read Moreकल फिर किसी ने ,दुखती रगों पर हाथ रख गया ,,,,,, शांत सी पड़ी झील में, फिर कोई तूफान मचलने
Read Moreतुम्हारी आँखों में मैंने देखा है ,एक उम्मीद शायद बहुत ही करीब से जब मैं गुजरी हूँ तुमसे होकर …..
Read Moreजब से तुमसे मिली हूँ हर पल यही सोचती हूँ काश हो कोई जादू का पिटारा जो खोल दे मेरे
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