पल भर भी मैं अलग न रहता
साथ भले ही आज नहीं हो, साथ की यादों में जीता हूँ।पल भर भी मैं अलग न रहता, सुधा तुम्हारे
Read Moreसाथ भले ही आज नहीं हो, साथ की यादों में जीता हूँ।पल भर भी मैं अलग न रहता, सुधा तुम्हारे
Read Moreसंबन्धों पर स्वार्थ है हावी, रिश्तों में ना मेल है। जीवन अब बाजार में बिकता, संबन्ध बने यहाँ खेल है।।
Read Moreस्वामी विवेकानन्द को हिन्दू संन्यासी कहना एकदम गलत होगा। वे संन्यासी तो थे, किन्तु हिंदू संन्यासी थे, यह सही नहीं
Read Moreदिल्ली के यातायात का हृदय दिल्ली मैट्रो को कहा जाय तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। मैट्रो के बिना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र
Read Moreनहीं कोई है अपना यहाँ पर, कोई नहीं पराया है। गैरों ने भी गले लगाया, अपनों ने ठुकराया है।। संबन्धों
Read Moreराही हूँ, नहीं कोई ठिकाना, किसी से विशेष संबन्ध नहीं हैं। नहीं चाहत, नहीं इच्छा कोई, तुम पर कोई बंध
Read Moreप्रेम है निष्ठा, प्रेम समर्पण, प्रेम में कोई जीत नहीं है। प्रेम है जीवन, प्रेम है सपना, प्रेम की कोई
Read Moreसंग-साथ बिन नहीं है जीवन, मैं-मैं मिल कर हम बनते हैं। चंदा के बिन, नहीं चाँदनी, चाँदनी से ही चाँद
Read Moreजो जीवों को खाते है, वे जीवों से, क्या प्रेम करेंगे! आज कर रहे प्रेम प्रदर्शन, कल उनका आहार करेंगे!!
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