नहीं किसी को कभी डराओ
नहीं किसी से स्वयं डरो नहीं किसी से प्रेम की चाहत, नहीं किसी से प्रेम करो। नहीं किसी को कभी
Read Moreनहीं किसी से स्वयं डरो नहीं किसी से प्रेम की चाहत, नहीं किसी से प्रेम करो। नहीं किसी को कभी
Read Moreखुद ही, खुद से प्रेम करो। खुद ही, खुद को समय निकालो, खुद ही खुद के कष्ट हरो। नहीं, प्रेम
Read Moreसम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान से, सम्यक चरित्र जो पाता है। पाकर स्वयं पर विजय वर्धमान, महावीर बन जाता है।। अनंत
Read Moreप्रेम में नहीं भिन्न कुछ होता, एकाकार हो जाते हैं। तन-मन-धन सब मिलकर ही, गीत मिलन के गाते हैं।। तन
Read Moreप्रेम नहीं सबको मिल पाता, सबके ही परिवार न होता।फसल और ही ले जाते हैं, पाता नहीं, जो उसको बोता।।
Read Moreअसफलता की चाह की बात अजीब अवश्य है किंतु सामान्य सत्य यही है कि सामान्य जन सफलता की बात करते
Read Moreस्वारथ का है खेल जगत का, स्वारथ का ही मेल है। स्वारथ हित है प्रेम उमड़ता, घर बन जाता जेल
Read Moreस्वारथ हित है मुन्ना पाला, स्वारथ की ही मुनिया है।स्वारथ के हैं संगी-साथी, स्वारथ की ही दुनिया है।।स्वारथ ही है
Read Moreहम चरित्र की बात समय-समय पर नहीं, हर समय करते हैं। किसी के चरित्र को अच्छा घोषित करते हैं तो
Read Moreकल दिनांक 12 मार्च 2025 को प्राचार्य कक्ष में कार्यालयीन कामों के अन्तर्गत विभिन्न कक्षाओं की माॅनीटर डायरियों पर हस्ताक्षर
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