औरत?
केवल माँ ही नहीं, कामिनी भी है औरत। केवल बहिन और बेटी ही नहीं, रागिनी भी है औरत। केवल पत्नी
Read Moreसमाधान तुम खुद बन जाओ मानवता जब भटक रही हो, आगे बढ़ कर पथ दिखलाओ। कदम-कदम हैं, बिछी समस्या, समाधान
Read Moreअनुत्तरित प्रश्न, अनसुलझी समस्याएँ, रिश्तों के रिसते घाव जीने का बिखर गया चाब। कदम-कदम बिछी बाधाएं, शारीरिक-मानसिक व्याधाएँ, विश्वास से
Read Moreसामान्यतः स्वार्थ को बड़े ही संकीर्ण और नकारात्मक अर्थ में लिया जाता है। स्वार्थ के अन्य पर्यायवाचियों में, खुदगर्ज, मतलबी,
Read Moreविकास सर्वाधिक प्रचलित शब्दों में से एक है। हर व्यक्ति विकास की बात करता है। हर परिवार अपना विकास चाहता
Read Moreकरते नहीं, प्रेम का दावा, प्रेम प्रदर्शन नहीं होता है। प्रेमी वह जो करता अर्पण, प्रेम पात्र के हित जीता
Read Moreशिक्षा मानव विकास के लिए आधारभूत आवश्यकता है। इस तथ्य पर सार्वकालिक सर्वसहमति रही है। शिक्षा के आधारभूत सिद्धांतों को
Read Moreकोई हार, कोई जीत नहीं है गले लगाकर, है ठुकराया, यह तो प्रेम की रीत नहीं है। प्रेम मिलन जब
Read Moreनहीं किसी से स्वयं डरो नहीं किसी से प्रेम की चाहत, नहीं किसी से प्रेम करो। नहीं किसी को कभी
Read Moreखुद ही, खुद से प्रेम करो। खुद ही, खुद को समय निकालो, खुद ही खुद के कष्ट हरो। नहीं, प्रेम
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