विवेकानन्द जयन्ती पर विशेष- क्यों? का नहीं, कर्म करने का अधिकार
स्वामी विवेकानन्द का कार्य अभी भी पूरा नहीं हुआ है। स्वामी जी की जयन्ती पर हम उनके सपनों को साकार
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Read Moreध्यान वर्तमान समय में बहु प्रयुक्त शब्द है। इसकी चर्चा केवल योग और आध्यात्म के क्षेत्र में ही नहीं चिकित्सां
Read Moreभले ही कोई साथ नहीं है, भले ही, हाथ में हाथ नहीं है।दूरी भले ही बनाई तूने, नहीं कहा कभी,
Read Moreतुमने पथ ही मोड़ दिया जिस हाथ से हाथ था पकड़ा, तुमने हाथ वह तोड़ दिया। जीवन पथ पर साथ
Read Moreअभी तक जितना पढ़ा है। मुझ जैसे अल्पज्ञ व अज्ञानी को अधिक अनुभव व ज्ञान भी नहीं है। पढ़ने का
Read Moreरुपए के सर ताज सजा है, रुपए का ही राज है।रुपए बिन ना संगी-साथी, रुपए बिन ना काज है।।रुपए से
Read Moreधन बिन अपना कोई न यहाँ पर, संबन्ध भी धन की माया है।धन ही गणित में, धन ही जगत में,
Read Moreअकेलापन या एकान्त साधना, समझ नहीं में पाता हूँ। लोगों ने मुझे छोड़ दिया है, या मैं उनको ठुकराता हूँ।।
Read Moreसाथ भले ही आज नहीं हो, साथ की यादों में जीता हूँ।पल भर भी मैं अलग न रहता, सुधा तुम्हारे
Read Moreसंबन्धों पर स्वार्थ है हावी, रिश्तों में ना मेल है। जीवन अब बाजार में बिकता, संबन्ध बने यहाँ खेल है।।
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