पैसे से सब खेल है
पैसा ही है, सार जगत का, पैसे से सब खेल है। पैसे खातिर हत्या होतीं, पैसे हित ही मेल है।।
Read Moreपैसा ही है, सार जगत का, पैसे से सब खेल है। पैसे खातिर हत्या होतीं, पैसे हित ही मेल है।।
Read Moreकर्म, विज्ञान, विश्वास है, निराशाओं का अंत। शोभा है गणतंत्र की, खिला हुआ है आज बसंत।। गणतंत्र नहीं सत्ता तक
Read Moreसर्दी से सब ठिठुर रहे हैं। मौसम को हम झेल रहे हैं। रूस यूक्रेन में युद्ध हो रहा, जीवन से
Read Moreमेरे भारत को क्या हो रहा है ? एक अपनी जिन्दगी के लिए, कईयों की जिन्दगी ले रहा है. मानव
Read Moreप्रेम पथिक हूँ, प्रेम ही पथ है, प्रेम ही है गंतव्य हमारा। प्रेम को नहीं, चाह प्रेम की, प्रेम ही
Read Moreगोल गोल गोलाइयाँ सुंदर, गहराइयों में समंदर हो। भले ही सुंदर वस्त्र तुम्हारे, तुम उनसे भी सुंदर हो।। फोटाे बहुत
Read Moreसहते सहते, सहनशील सह, आक्रोश नहीं अवशेष रहा है। नहीं किसी की चाह रही अब, नहीं किसी से द्वेष रहा
Read Moreछल, कपट, धोखे की पुतली, कमाल कालिमा लगती हो। छल, छद्म की छवि सुंदर, षड्यंत्र लालिमा सजती हो।। काजल कीचड़
Read Moreरिश्ते बनाकर, धन यूँ कमाना, तुम्हीं को जँचता है। रिश्ते की जड़ों में मट्ठा डालना, तुम्ही को फबता है।। प्रेम
Read Moreधोखे की हो, पुतली सुंदर, प्रेम कपट, ये याद रहेगा। कुशल शिकारी हो तुम प्यारी! शिकार बने हम, याद रहेगा।।
Read More