प्रेम घाव सहलाता है
अधिकारों से संघर्ष उपजता, कर्म जीना सिखलाता है। स्वार्थ है जग को घायल करता, प्रेम घाव सहलाता है।। पाना तो
Read Moreअधिकारों से संघर्ष उपजता, कर्म जीना सिखलाता है। स्वार्थ है जग को घायल करता, प्रेम घाव सहलाता है।। पाना तो
Read Moreहम चाहते हैं तुम्हें कितना, समझ नहीं तुम पाती हो। प्रेम का अर्थ तुम समझ न पाईं, प्रेम गान ही
Read Moreराष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत की विकास गाथा में तीव्रता लाने का इक्कीसवीं सदी का महत्वपूर्ण दस्तावेज है। किसी भी
Read Moreप्रेम को ही है, जीवन माना। प्रेम को जीया, नहीं है जाना। हमें भले ही, हो ठुकराया, हमने सीखा, गले
Read Moreआज मेरे पास मोबाइल पर काॅल आया। काॅल करने वाली देवी जी ने केन्द्र भारती में प्रकाशित मेरे आलेख की
Read Moreचिंता कल की ना करो, खोज न कोई सार। मुस्काकर तू प्रेम से, आगे बढ़ ले यार।। जिसको शत्रू समझता,
Read Moreचाह है केवल इतनी मेरी, तुम आगे बढ़ती जाओ। मजबूरी में साथ न आओ, कर्म करो, और पाओ।। अपनी कोई
Read Moreरोते-रोते नेहा का बुरा हाल था। वह स्वयं भी नहीं समझ पा रही थी कि आज उसे इतना रोना क्यों
Read Moreशिक्षा किसी भी देश के विकास की आत्मा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में बुनियादी साक्षरता, शिक्षा व आजीविका के पहलू
Read Moreहोटल से निकलते ही ओटो रिक्शा मिल गया। रिक्शे वाले ने अपने आप ही मेरे पास आकर ओटो रोक लिया
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