धोखेबाज, झूठ की हांड़ी
प्रेम बिना कोई राष्ट्र नहीं है, प्रेम बिना परिवार नहीं। जिसको किसी से प्रेम न होता, उसका कोई घरबार नहीं।।
Read Moreप्रेम बिना कोई राष्ट्र नहीं है, प्रेम बिना परिवार नहीं। जिसको किसी से प्रेम न होता, उसका कोई घरबार नहीं।।
Read Moreतुमने भले ही ठगा हो हमको, हम बदले में ठगी न करते। आघात कितना भी गहरा हो, हम रिश्तों में
Read Moreप्रेम नाम होते हैं सौदे, प्रेम नहीं वहाँ बान है। प्रेमी तो बस प्रेम बाँटता, प्रेम ही उसकी जान है।।
Read Moreप्रेम ही है जीने का मकसद, प्रेम, हृदय का गान है। प्रेम ही है जीवन की सरगम, प्रेम, प्रेमी की
Read Moreप्रेमी प्रेम लुटाता पल पल, पाना उसको माल नहीं है। प्रेम में नाप-तौल ना होती, कानूनों का जाल नहीं है।।
Read Moreआभार तुम्हारा करते पल-पल, जीवन जीना हमें सिखाया। तुमने हमको गले लगाकर, प्रेम का पहला पाठ पढ़ाया।। जीवन में हम
Read Moreतुमने प्रिये! आघात किया जो, हँसना-हँसाना भूल गए। विश्वास नहीं अब, खुद पर हमको, गुस्सा करना भूल गए।। हमने सब
Read Moreप्रेम जगत का सार है प्रेम व्याप्त जग के कण कण में, प्रेम जगत का सार है। जीवन वही सफल
Read Moreमौत भी हमको नहीं डराती शिकवा शिकायत का पल बीता। जीवन रह गया रीता-रीता। विश्वास घात ने विश्वास डिगाया, मिलतीं
Read Moreधोखे की तेरी चोट थी गहरी अकेलेपन से मेल हो गया। खुद से खुद को प्रेम हो गया। विश्वास घात
Read More