चेतना दीजिये सादगी दीजिये, भावना दीजिये बंदगी दीजिये
चेतना दीजिये सादगी दीजिये, भावना दीजिये बंदगी दीजिये इस हृदय से तमस को मिटाकर हमें, हे प्रभो ज्ञान की रोशनी
Read Moreचेतना दीजिये सादगी दीजिये, भावना दीजिये बंदगी दीजिये इस हृदय से तमस को मिटाकर हमें, हे प्रभो ज्ञान की रोशनी
Read Moreकिसी को ढूँढती दयार में रहीं आँखें तमाम उम्र इंतज़ार में रहीं आँखें बहा किसी की आँख से उदासियों का
Read Moreजो दिखाई दे रहा था अस्ल में वैसा न था अस्ल में जो था कभी हमने उसे देखा न था
Read Moreमर गया है किस कदर आँखों का पानी देखिये पुज रही है आदमी की बदग़ुमानी देखिये खौफ़ में हैं ख़ानदानी
Read Moreयूँ ज़रूरत तो हमारी भी किसी से कम नही साथ लेकिन हम हवाओं के बहें तो हम नही नफ़रतों की
Read Moreकर्म पर जब से मुझे विश्वास करना आ गया हार में भी जीत का आभास करना आ गया ज़िन्दगी भी
Read Moreजब स्वयं के अवगुणो पर ध्यान धरना आ गया दूसरों की बात का सम्मान करना आ गया गरदिशों के दौर
Read Moreकिये वादे हमेशा लोग करके भूल जाते हैं बहुत मसरूफियत है लोग सजदे भूल जाते हैं मिला है जख्म जिसको
Read Moreजो बिताया फ़जूल में हिसाब माँगेगा वक्त हर हाल एक दिन जवाब माँगेगा इस जमानें को सिर्फ ख़ार ही दिये
Read Moreदर्दे दिल की दवा करे कोई अब खुशी की दुआ करे कोई जो गरीबों को रोटियाँ दे दे काश वो
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