तो सैल्फी हो जाऐ…
जब मन खुद ही मुस्काऐ बस खुद ही खुद को पाऐ जब खुशी हंसें मुस्काऐ तो सैल्फी हो जाऐ। भीड
Read Moreजब मन खुद ही मुस्काऐ बस खुद ही खुद को पाऐ जब खुशी हंसें मुस्काऐ तो सैल्फी हो जाऐ। भीड
Read Moreसमुन्दर की लहरों सी, शोखी तुम्हारी नदी जैसी अल्हड, मचलती जवानी। रति छुप रही है, दरीचों के पीछे हुई स्वर्ग
Read Moreचेहरे पे बारिश की बूंदें यूं ढलके, जैसे की शबनम की बूंदे गुलों पर। होठों पे यूं कर रही है
Read Moreथोडे से हैं आंसू, थोडी सी हंसी है हां यही जिन्दगी है। तुम जो मुस्कुरादो, थोडा खिलखिलादो बस यही हर
Read Moreनिराकार बेडोल, यूं ही मिट्टी का ढेला। फिरता यूं ही मूढ, जगत में रेला रेला॥ गर देकर के ज्ञान, ना
Read Moreकोई भूख से मरता है मैं सपनों की बात कैसे करुं। वहां मौत का मातम है मैं यहां रंगरास कैसे
Read More‘आरक्षण और नेता’ बू गया था इस अराजकता का वीज, उसी दिन जब धर्म के नाम पर, आरक्षण का जहर
Read Moreतेरे हाथों मे है सांवरे, मेरे जीवन की नैया। तार दो तार दो सांवरे पार, बनके खिवैया॥ हर तरफ गरदिशों
Read Moreइस प्यार की धरा का, सावन सरस बनों तुम। हर बूंद से निकलता, बस प्रेम रस बनों तुम।। पलकें बिछाऊं
Read Moreनैन दर्शन को तरसे हैं श्याम , कान्हा सूरत दिखा दो। दर्द बढने लगें हैं तमाम, प्रेम बंसी बजा दो॥
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