गीतिका/ग़ज़ल

उस बात की बात ना कर….

जो दिल पर बीत गई, उस बात की बात ना कर।
मेरे सपनों की खातिर, काली अपनी रात ना कर॥

हम तो आंसू के धारे, पीकर मुस्काने वालें है।
तू अपनी खुशियों को तन्हा, यूं बे बात ना कर॥
जो दिल पर बीत गई, उस बात की बात ना कर….

ये उल्फत की बातें, हमको भी लुभातीं है।
बरबाद हो हम फिर से, ऐसे हालात ना कर॥
जो दिल पर बीत गई, उस बात की बात ना कर….

हर बात को सह लेना, तासीर हमारी है।
पर दिल जो सह ना सके, कोई ऐसी बात ना कर॥
जो दिल पर बीत गई, उस बात की बात ना कर…

कुछ टूटे टुकडों को, बस हमने सहेजा है।
टुकडों पर टुकडों की, अब तू बरसात ना कर॥
जो दिल पर बीत गई, उस बात की बात ना कर….

लब की मुस्काहट ही, बस एक तसल्ली है।
आंखों मैं झांक के यूं, बेबात ये बात ना कर॥
जो दिल पर बीत गई, उस बात की बात ना कर……

मैं गम का समंदर हूं, मत डूब सनम मुझमें।
पहले से ही छलका हूं, तूं यूं बरसात ना कर॥
जो दिल पर बीत गई, उस बात की बात ना कर…..

सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.

2 thoughts on “उस बात की बात ना कर….

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    उम्दा सोच
    प्रेरक रचना

    • सतीश बंसल

      शुक्रिया विभा जी…

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