आम आदमी
रोज टूटता हूं, बिखरता हूं हर पल जीता हूं, मरता हूं बे इन्तिहा बेडियां है, पैरो में फिर भी, हर
Read Moreभाई तो परदेस बसा है, मैं पर बस इस देश। ओ कागा ले आ रे उसके, आने का संदेश॥ दीपक
Read Moreवो बचपन की यादें, वही दुलार ले के आजा। इस राखी अपना अनमोल प्यार ले के आजा॥ रेशम की डोरी
Read Moreटूटती जुडती उम्मीदें बनते बिगते रिश्ते आती जाती दौलत मान सम्मान की फिक्र बीत जाती है पूरी जिन्दगी साधने में,
Read Moreसर्द रात की ठिठुरन में भी जीना सीख लिया उसने। आंसू के धारे सा हर गम पीना सीख लिया उसने।
Read Moreपाप बढने लगा सांवरे, फिर धरा पर चले आईये। धर्म अकुला रहा मर्म से, कर्म ज्योति जला जाईये॥ जमुना का
Read Moreहर दिल में तूफां है, सीने में जलन सी है नफरत की आंधी का, ये कैसा दौर चला हर शख्स
Read Moreचीखने लगा है धर्म, मानवता तार तार श्रृद्धा ने ये कैसा रूप, धर लिया पाप का गुरु कर रहे पाप,
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