न कहता है,इन चरणों को नित्य पखारूं…
निराकार बेडोल, यूं ही मिट्टी का ढेला। फिरता यूं ही मूढ, जगत में रेला रेला॥ गर देकर के ज्ञान, ना
Read Moreनिराकार बेडोल, यूं ही मिट्टी का ढेला। फिरता यूं ही मूढ, जगत में रेला रेला॥ गर देकर के ज्ञान, ना
Read Moreकोई भूख से मरता है मैं सपनों की बात कैसे करुं। वहां मौत का मातम है मैं यहां रंगरास कैसे
Read More‘आरक्षण और नेता’ बू गया था इस अराजकता का वीज, उसी दिन जब धर्म के नाम पर, आरक्षण का जहर
Read Moreतेरे हाथों मे है सांवरे, मेरे जीवन की नैया। तार दो तार दो सांवरे पार, बनके खिवैया॥ हर तरफ गरदिशों
Read Moreइस प्यार की धरा का, सावन सरस बनों तुम। हर बूंद से निकलता, बस प्रेम रस बनों तुम।। पलकें बिछाऊं
Read Moreनैन दर्शन को तरसे हैं श्याम , कान्हा सूरत दिखा दो। दर्द बढने लगें हैं तमाम, प्रेम बंसी बजा दो॥
Read Moreभाई तो परदेस बसा है, मैं पर बस इस देश। ओ कागा ले आ रे उसके, आने का संदेश॥ दीपक
Read Moreवो बचपन की यादें, वही दुलार ले के आजा। इस राखी अपना अनमोल प्यार ले के आजा॥ रेशम की डोरी
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