बुढापा…
सूखे तालाब सा है बुढापा ना कमल खिलते है ना लहरे चेतन है बस एक अजीब सी खामोशी है एक
Read Moreरंग मोहब्बत बरसा ऐसा, एक रंग सब रंग जाऐं। मन धानी धानी हो जाये, तन धानी रंग रंग जाये॥ मोहे
Read Moreखुशी! तु ही बता तुझे पाकर क्यों इतराऊं। जानता हूं, तु बेवफा है फिर तेरे आगे झोली क्यूं फैलाऊं॥ जमाना
Read Moreगूथ कर एक धागे मे, दिल की दुआ मेरे भैया मेरा प्यार लाई हूं मैं। मांगती हूं दुआ, तु सलामत
Read Moreगांव की माटी, तुझे नमन गांव की माटी, तुझे नमन तुझमे आज भी दिखता है मुझको मेरा बचपन गांव की
Read Moreमाना जख्म गहरा है अभी तक हरा है तुम एक बार लगाकर तो देखो प्यार के मरहम ने, हर जख्म
Read Moreलहु की अंतिम बूदों से, तेरे गुलशन को सींच चले। वतन की आन बान खातिर, चढा कर अपना शीष चले॥
Read Moreखुद को में, खुद से मिलाना चाहता हूं। जिन्दगीं, तेरा साथ पाना चाहता हूं॥ ढूंढ कर खुशियों के ये दो
Read Moreतेज सूरज का मुझको मिले ना मिले, दिल उसुलों से रोशन रहे काफी है। शोहरतों की बुलंदी मिले ना मिले,
Read Moreसपनों को ओढना, पलकों को बिछोना कर दूं। आ तेरी चाह के दामन को, प्यार से भर दूं॥ जिसको सींचा
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