दोस्ती या मौत की सैर: युवाओं की असमय विदाई का बढ़ता सिलसिला
हरियाणा में इन दिनों एक डरावना चलन पनपता दिख रहा है। हर हफ्ते कहीं न कहीं से यह खबर आती
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Read Moreमत छेड़ प्रकृति को मानव!यह मौन नहीं, ज्वाला है।जिसको तू निर्बल समझे,वो अग्नि-कणों की माला है। बिजली बन कर टूटेगी,जो
Read Moreपाँच साल पहले कोविड-19 लॉकडाउन ने जहां दुनिया की अर्थव्यवस्था को झकझोरा, वहीं पर्यावरण को राहत दी। वायु प्रदूषण, ग्रीनहाउस
Read Moreये धुएँ की चादरें किसने ओढ़ लीं शहर ने?कहीं पेड़ थे, अब वहाँ सिर्फ़ इमारतें हैं। धरती पसीने से तर
Read Moreहरियाणा की ग्रामीण संस्कृति में ‘चौपाल’ सिर्फ एक बैठने की जगह नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और कभी-कभी राजनीतिक निर्णयों का
Read Moreजब न्याय की नींव डगमगाए,जब सत्ता सच पर वार करे,तब कोई तलवार नहीं उठती —कलम उठती है, अंगार करे। ना
Read Moreपग-पग पर जंजीरें थीं, पर आँखों में अंगारे थे,अकेला था रणभूमि में, पर लाखों पर वो भारी थे।स्वाभिमान की चट्टानों
Read Moreएक घर था कभी, जहाँ हँसी भी गूंजती थी,आज वहीं शून्य की चीत्कार सुनाई देती है।सात देहें, सात कहानियाँ, सात
Read MoreJio ने हमें सस्ते डेटा का स्वाद चखाया और फिर उसकी लत लगाकर हमारी जेबें ढीली कर दीं। आज WhatsApp
Read Moreलहू बहाया मैदानों में,जीत के ताज सिर पर सजाए,हर युद्ध से निकला विजेता,पर अपनों में खुद को हारता पाए। कंधों
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