Author: डॉ. सत्यवान सौरभ

राजनीति

तृतीय परमाणु युग’: बदलती दुनिया और डगमगाते वैश्विक मानदंड

रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन की आक्रामकता और उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों के बीच दुनिया एक नए परमाणु युग में प्रवेश

Read More
शिक्षा एवं व्यवसाय

कोचिंग का क्रेडिट, स्कूल की गुमनामी: शिक्षकों के साथ यह अन्याय कब तक?

आज कोचिंग संस्थानों को छात्रों की सफलता का सारा श्रेय मिलता है, जबकि वे शिक्षक गुमनाम रह जाते हैं जिन्होंने

Read More
सामाजिक

संकीर्ण जीवन-दृष्टि और टूटती नैतिक रीढ़

आधुनिक समाज में “अच्छे जीवन” की जो धारणा प्रचलित है, वह दिन-ब-दिन और भी अधिक संकीर्ण, आत्मकेन्द्रित और भौतिकतावादी होती

Read More
राजनीति

हत्या के एक दोष पर दो उम्रकैद: न्याय की सीमा या उसका उल्लंघन?

भारतीय न्याय व्यवस्था के दरवाज़े पर एक संवेदनशील और जटिल प्रश्न खड़ा है—क्या किसी व्यक्ति को एक ही अपराध के

Read More
राजनीति

आयुष्मान भारत या असहाय भारत : निजी अस्पतालों में योजना की लूट और लाचारी

आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य गरीबों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण इलाज देना है, परंतु निजी अस्पतालों द्वारा इसे लूट का

Read More
सामाजिक

रिश्तों का एटीएम: जब प्यार केवल ट्रांज़ैक्शन बन जाए

रिश्ते अब महज़ ज़रूरतों के एटीएम बनते जा रहे हैं। डिजिटल दुनिया ने संवाद को ‘रीचार्ज पैकेज’ और मुलाक़ातों को

Read More
पुस्तक समीक्षा

“काग़ज़ की नाव” : मासूमियत, कल्पना और संवेदना का सागर

“काग़ज़ की नाव” एक सजीव और संवेदनशील बाल काव्य संग्रह है जो बच्चों की सरल और मासूम दुनिया को खूबसूरती

Read More