Author: डॉ. सत्यवान सौरभ

राजनीति

अभी तो मेंहदी सूखी भी न थी: पहलगाँव की घाटी में इंसानियत की हत्या

जम्मू-कश्मीर के पहलगाँव में हुए आतंकी हमले में जहाँ एक नवविवाहित हिंदू पर्यटक को उसका नाम पूछकर सिर में गोली

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सामाजिक

आधी सच्चाई का लाइव तमाशा: रिश्तों की मौत का नया मंच

आजकल लोग निजी झगड़ों और रिश्तों की परेशानियों को सोशल मीडिया पर लाइव आकर सार्वजनिक करने लगे हैं, जहां आधी-अधूरी

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शिक्षा एवं व्यवसाय

डिग्री नहीं, दक्षता चाहिए

वर्तमान में, उच्च शिक्षा प्रणाली उद्योग की तेजी से बदलती आवश्यकताओं से मेल नहीं खाती, जिसके परिणामस्वरूप अधिकांश स्नातक रोजगार

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इतिहास

सत्ता, शहादत और सवाल: जलियांवाला बाग की आज की प्रासंगिकता

जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919) केवल ब्रिटिश अत्याचार का प्रतीक नहीं, बल्कि आज के भारत में सत्ता और लोकतंत्र के बीच

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