गज़ल
जब गलियो में सन्नाटा है तब दोष क्या है मीनारो का कश्ती को डुबाया मांझी ने तब दोष क्या है
Read Moreअच्छा यार कभी मत खोना चाहे खो जाये कुछ सोना है मेरा भी साथी एक सम्बंल देता उसका
Read Moreआँखो से मोती गिरा, हुआ मगर बेकार कीमत आँसू की नहीं, मत कर चीख पुकार कोन देखता है भला, दुखते
Read Moreमंहगाई तो टीस है ,नही इसका उपचार बढ़ा के कीमत ये कहें,हम नही जिम्मेदार हरदिन ड़रे वो भूख से,चिन्ता बढ़ी
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