सूर्य पर केंद्रित छंद
दिव्य दिवाकर,नाथ प्रभाकर,देव आपको,नमन करूँ। धूप-ताप तुम,नित्य जाप तुम,करुणाकर हे!,तुम्हें वरूँ।। नियमित फेरे,पालक मेरे,उजियारा दो,पीर हरो। दर्द लड़ रहा,पाप अड़
Read Moreदिव्य दिवाकर,नाथ प्रभाकर,देव आपको,नमन करूँ। धूप-ताप तुम,नित्य जाप तुम,करुणाकर हे!,तुम्हें वरूँ।। नियमित फेरे,पालक मेरे,उजियारा दो,पीर हरो। दर्द लड़ रहा,पाप अड़
Read Moreनग़मे गाती है सुहाग के,सजी देह जो मेंहदी। जिसमें रौनक बसी हुई है,हरदम नेहिल मेंहदी।। जोड़ा लाल सुहाता कितना, बेंदी,टिकुली
Read Moreख़ूब रचा विज्ञान ने,सुविधा का संसार। जीवन में सुख भर गया,दिखता जीवन-सार।। आना-जाना,परिवहन,लेन-देन,संचार। नए सभी कुछ हो गए,शिक्षा अरु व्यापार।।
Read Moreथी दीवानी श्याम की,मीरा जिसका नाम। जो युग-युग को बन गई,हियकर अरु अभिराम।। पिया हलाहल,पर अमर,पाया इक वरदान। श्रद्धा से
Read Moreजीवन में संवेदना,लाती है मधुमास। अपनाकर संवेदना,मानव बनता ख़ास।। संवेदित आचार तो,है करुणा का रूप।। जिससे खिलती चाँदनी,बिखरे उजली धूप।।
Read Moreथी वीरों की वीर निराली,वह रानी मतवाली थी। जिसका साहस,शौर्य प्रखर था,संग भवानी-काली थी।। उस झाँसी की सेनानी की,सारे ही
Read Moreभारत नित ही विश्वगुरू है,देता सबको ज्ञान, संस्कार भारत के पाते,सबसे ही सम्मान। नीति और नैतिकता मोहक,हम सबसे सुंदर, पश्चिम
Read Moreरोदन करती आज दिशाएं,मौसम पर पहरे हैं ! अपनों ने जो सौंपे हैं वो,घाव बहुत गहरे हैं !! बढ़ता जाता
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