स्पंदन का गीत
दिल के स्पंदन में बसता है,प्रियवर का बस नाम। रात-दिवस हो,कोई बेला,प्रियवर तुम अभिराम।। स्पंदन के हर स्वर गाते,नित तेरा
Read Moreदिल के स्पंदन में बसता है,प्रियवर का बस नाम। रात-दिवस हो,कोई बेला,प्रियवर तुम अभिराम।। स्पंदन के हर स्वर गाते,नित तेरा
Read Moreगंगा मइया तुम हो पावन,तुम तो हो सबकी मनभावन। तुम हर लेतीं सबके दुख को,देतीं हो फिर सबको सुख को।।
Read More(शिक्षक दिवस पर) वंदन है,नित अभिनंदन है, हे शिक्षक जी तेरा । फूल बिछाये पथ में मेरे,सौंपा नया सबेरा ।।
Read Moreदिव्य दिवाकर,नाथ प्रभाकर,देव आपको,नमन करूँ। धूप-ताप तुम,नित्य जाप तुम,करुणाकर हे!,तुम्हें वरूँ।। नियमित फेरे,पालक मेरे,उजियारा दो,पीर हरो। दर्द लड़ रहा,पाप अड़
Read Moreनग़मे गाती है सुहाग के,सजी देह जो मेंहदी। जिसमें रौनक बसी हुई है,हरदम नेहिल मेंहदी।। जोड़ा लाल सुहाता कितना, बेंदी,टिकुली
Read Moreख़ूब रचा विज्ञान ने,सुविधा का संसार। जीवन में सुख भर गया,दिखता जीवन-सार।। आना-जाना,परिवहन,लेन-देन,संचार। नए सभी कुछ हो गए,शिक्षा अरु व्यापार।।
Read Moreथी दीवानी श्याम की,मीरा जिसका नाम। जो युग-युग को बन गई,हियकर अरु अभिराम।। पिया हलाहल,पर अमर,पाया इक वरदान। श्रद्धा से
Read Moreजीवन में संवेदना,लाती है मधुमास। अपनाकर संवेदना,मानव बनता ख़ास।। संवेदित आचार तो,है करुणा का रूप।। जिससे खिलती चाँदनी,बिखरे उजली धूप।।
Read Moreथी वीरों की वीर निराली,वह रानी मतवाली थी। जिसका साहस,शौर्य प्रखर था,संग भवानी-काली थी।। उस झाँसी की सेनानी की,सारे ही
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