माता
13 मई – – माँ दिवस पर माता सच में धैर्य है,लिये त्याग का सार ! प्रेम-नेह का दीप ले,
Read Moreअंतर्मन में घुल गया, विष बनकर आघात ! सुबहें गहरी हो गयीं, घायल है हर रात !! धुंआ हो गयी
Read More” मेरे लिए एक अच्छा-सा लेडीज सूट दिखाओ ” लड़के ने दुकान में पहुंचकर कहा ! ” जी साब, दिखाता
Read Moreउजियारे को तरस रहा हूं, अँधियारे हरसाते हैं ! अधरों से मुस्कानें गायब, आंसू भर-भर आते हैं !! अपने सब
Read More(1) क्षुधा ——- जो कभी भूखा न रहा वह क्या जाने ऐंठती आँतों का दर्द बंद होती आँखों का अंधेरा
Read Moreअँधियारे से लड़कर हमको,उजियारे को गढ़ना होगा ! डगर भरी हो काँटों से पर,आगे को नित बढ़ना होगा !! पीड़ा,ग़म
Read Moreमाता सच में धैर्य है,लिये त्याग का सार ! प्रेम-नेह का दीप ले, हर लेती अँधियार !! पीड़ा,ग़म में भी
Read Moreदर्पण ने नग़मे रचे,महक उठा है रूप ! वन-उपवन को मिल रही,सचमुच मोहक धूप !! इठलाता यौवन फिरे,काया है भरपूर
Read Moreहमसे कहता पर्व हर , सदा विनत् हो भाव अहंकार की लुप्तता, निशिदिन सत्य प्रभाव धर्म सदा होता विजयी, शुभ-मंगलमय
Read Moreबिखरी हो जब गंदगी, तब विकास अवरुध्द घट जाती संपन्नता, बरकत होती क्रुध्द वे मानुष तो मूर्ख हैं, करें शौच
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