ग़ज़ल – ज़माना जानता है हम, वफ़ादारी निभाते हैं
अपने दुश्मनों को भी, गले हँसकर लगाते हैं, ज़माना जानता है हम, वफ़ादारी निभाते हैं। जो कायल हो तबस्सुम के,
Read Moreअपने दुश्मनों को भी, गले हँसकर लगाते हैं, ज़माना जानता है हम, वफ़ादारी निभाते हैं। जो कायल हो तबस्सुम के,
Read Moreहमारे देश में पहले देशभक्ति की लहर साल में दो बार अनिवार्य रूप से आती थी- स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस
Read Moreप्रसिद्ध है कि हमारे देश का संविधान सबसे बड़ा है। कुछ समय से देखने में आ रहा है कि हमारा
Read Moreकहते हैं मनुष्य के दिमाग में एक कीड़ा होता है, जो समय-बेसमय पर उसे काटता रहता है। उस दिन कीड़े
Read Moreहुई विजय ना आज पराजय, भारत माँ की शान बढ़ी दोनो आँखें चमक उठी हैं, अधरों पर मुसकान बढ़ी। नव
Read Moreचंद्रमा का लालच मनुष्य को तो क्या ईश्वर को भी आरंभ से ललचाता रहा है। महाअवढर दानी शिव जी विष
Read Moreमलय-हिमालय-विंध्य-सतपुड़ा अंबर धरा पे लाते हैं अरब-हिन्द-बंगाल के मोती, तेरे पग सहलाते हैं जय भारती! हे भारत माँ! हम तेरे
Read Moreनहीं कोई सुंदर है तुझ-सा ज़मी पर फलक पर,इधर पर,उधर पर,कहीं पर। कहाँ चाँद ने रूप तुझ-सा है पाया कभी
Read Moreकल आसिफा थी। आज ट्विंकल है। आनेवाले दिनों में सिमरन, जूली ….ऐसी कोई भी दूधमुँही हो सकती है। इन पीड़िताओं
Read Moreधर्म-अर्थ-काम-मोक्ष को मानव जीवन के चार लक्ष्य माना गया है। मोक्ष प्राप्ति की कामना एक भारतीय के मन में तब
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