व्यंग्य – थूक का दलदल
भयंकर गरमी के बाद भी देश में कीचड़ हो गया है जिसके उन्नीस मई तक दलदल बन जाने की पूरी
Read Moreभयंकर गरमी के बाद भी देश में कीचड़ हो गया है जिसके उन्नीस मई तक दलदल बन जाने की पूरी
Read Moreरंग बदलते चेहरे देखे, और बदलती देखी चाल नाखूनों में लहू लगा है, पर सबकी नीली है खाल। कहीं गरीबी
Read Moreकल्पना कुछ ऐसी है- देर रात थक कर लौटे पति को पत्नी नहीं चाहती कि वह जल्दी उठे ऐसे में
Read Moreमैंने हाईस्कूल में पढ़ा था कि भारत मानसूनी जलवायु का देश है। गलत है। मैं सुधारता हूँ- भारत चुनावी जलवायु
Read Moreअर्जुन और शिखंडी में मन, भेद नहीं कर पाता है राजनीति के हाट में बगुला, भगत बना मुसकाता है शब्द
Read Moreपाकिस्तानियों ! इमरान ख़ान को गालियाँ मत दो। हिन्दी में कहावत है-“हींग लगे न फिटकरी रंग भी चोखा आए” अर्थात्
Read Moreइन दिनों देश में ‘भक्त-चम्मच- युद्ध’ छिड़ा हुआ है। भक्त अपने को सर्वश्रेष्ठ ‘भक्त-राज ‘सिद्ध करना चाह रहे हैं तो
Read Moreहै तुम्हें नमन ओ वीर धरा के जाओ तुम परदेस आँखों में आँसू भर-भर के विदा करे ये देश। गाएगी
Read Moreरोको ना रणभेरी के स्वर, एक बार बज जाने दो होता है गर आज युद्ध तो, एक बार हो जाने
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