कुर्सी-महिमा
कुर्सी का झगड़ा भारतवर्ष का सांस्कृतिक उत्सव है। आप इसे संस्कार भी कह सकते हैं। जो कुर्सी मोहनलाल चाहता था,
Read Moreकुर्सी का झगड़ा भारतवर्ष का सांस्कृतिक उत्सव है। आप इसे संस्कार भी कह सकते हैं। जो कुर्सी मोहनलाल चाहता था,
Read Moreयह सार्वभौमिक और सर्वविदित सत्य है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। उसके पूर्वज जंगली और उसके भी पहले बंदर
Read Moreभारत माँ की लाज बचाने, हर इक पहरेदार बनो चोरों को देकर मत अपना, तुम भी ना गद्दार बनो ।
Read Moreकिवदंती है कि प्रत्येक मनुष्य के जिह्वाग्र पर चौबीस घंटों की अवधि में सरस्वती एक बार अवश्य बैठती है। मैं
Read Moreजब चोर-उचक्के और मवाली, घर-घर पूजे जायेंगे जब कानूनी षड्यंत्रों को बुन, नेता जाल बिछाएँगे जब देशद्रोहियों की मौतों पर,
Read Moreभारत नदियों का देश है। नदियों पर घाट होते हैं। इन घाटों पर नदी के किनारे रहनेवाले गाँववासी पानी का
Read Moreचाहे चेहरे लाख लगा लो, दोहरे मापदंड अपना लो, लेकिन मन का दर्पण तुससे, कभी झूठ न कह पायेगा बहुत
Read Moreगालियाँ हमारी सांस्कृतिक विरासत है। यह ऐसी देव विद्या है जिसे जिज्ञासु, बिना किसी गुरुकुल, विद्यालय-विश्वविद्यालय में गए आत्म-प्रेरणा से
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