ग़ज़ल
जब मुकद्दर आजमाना आ गया वक़्त भी अपना सुहाना आ गया झूमती हैं डालियाँ गुलशन सजे ये समां भी कातिलाना
Read Moreबिछड़ गये है सारे अपने संग–साथ है नहीं यहाँ, ढूँढ रहा मन पीपल छैंयाँ ठंडी होती छाँव जहाँ. छोड़
Read More१ होली आई री सखी , दिन भर करे धमाल हरा गुलाबी पीत रंग , बरसे नेह गुलाल . २
Read Moreरंगों की सौगात ले, आई है होली हर डाली पर खिल उठे शोख टेसू लाल प्रेम पुरवा से हुए सुर्ख-सुर्ख
Read Moreआप सभी भारतीय मित्रों को ६६ वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ , जय हिन्द – जय भारत सीना चौड़ा
Read More१ थोडा हँस लो जिंदगी , थोडा कर लो प्यार समय चक्र थमता नहीं , दिन जीवन के चार दिन
Read Moreनये छंद से, नये बंद से नये हुए अनुबंध नयी सुबह की नयी किरण में नए सपन की प्यास नव
Read Moreवो पल वह मंजर लूटता सा , विस्फारित नयन वो लम्हा दिल दहलता विह्वल रूदन चीत्कार मचा हाहाकार छितरे मानव
Read Moreगीत माँ शक्ति है माँ भक्ति है माँ ही मेरा अराध्य माँ सा नहीं है दूजा जग में माँ से
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