ख़ामोश तन्हाई
ख़ामोश थी तन्हाई मेरी बुझा जख़्म दुखाया आपने।इश्क कहूॅं या मुहब्बत कहूॅं कैसा रोग लगाया आपने।। बैचेन रहा दिल यह
Read Moreख़ामोश थी तन्हाई मेरी बुझा जख़्म दुखाया आपने।इश्क कहूॅं या मुहब्बत कहूॅं कैसा रोग लगाया आपने।। बैचेन रहा दिल यह
Read Moreपरख पारखी की खरी, चुन चुन करें बखान।कीचड़ से मोती चुने, हीरे के गुण जान।। खोट भरा कितना कहाँ, जाने
Read Moreजीवन पथ का हूं मुसाफिर,लक्ष्य मेरी मंज़िल है।मौत आ जाने से पहले, लक्ष्य करना हासिल है।सुगम नहीं पथ जीवन का,
Read Moreहर बूंद कहती हैं कहानी,आंखों से बहता जब पानी।मिलती है जीवन में हानी,व्यथा मनकी किसने जानी।हाल बेहाल है जब होता,
Read Moreनव रूपों में मात है, देती दर्शन आप।श्रृद्धा से सिमरन करो हर लेती संताप।।काली दुर्गा आप हैं, लिए हाथ तलवार।भक्तों
Read Moreसंस्कार का बीजारोपण, सीख सिखाना इस का कारण।मां के पेट में शिशु सब सुनता, संस्कार को मन में बुनता।जैसी सोच
Read Moreदुश्वारियां कितनी भी हों, कर्तव्य पथ पर बढ़ता जा।हिम्मत कभी नहीं हारना, तूफानों से भिड़ता जा। अपने कर्म से ही
Read Moreपरिवर्तन से भय कैसा, करनी से फल मिलता वैसा।सत्य कर्म सब दूर हुए हैं, भगवन भी मजबूर हुए हैं।जैसा बीजा
Read Moreलगी दिल की मुझे जब से मिलाने आ रहा सावन।उठी है पीर यादों की ,जताने आ रहा सावन। पड़े झूले
Read Moreकरुणामय मन सा हो के, प्रीत लगाना सीख लो।दीन दुखी को गले लगाके,मीत बनाना सीख लो। छोड़ दे नफरत का
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