गीतिका/ग़ज़ल सुदेश दीक्षित 18/12/2017 ग़ज़ल 2 मौत मेरी तुम्हें खींचकर लाएगी तुम न चाहो तो भी रूलाएगी । खींच लिए पांव क्यों तूने राहे बीच साथ Read More
गीतिका/ग़ज़ल सुदेश दीक्षित 18/12/201718/12/2017 ग़ज़ल 1 खाली पहाड को बर्फानी मत लिख , सूखी नदी को भरी पानी मत लिख । हम जो सह गये चुप Read More
कविता सुदेश दीक्षित 18/12/2017 कविता वो पुरानी यादें वो पुराने कच्चे मकान । खेत खलियानों की जगह बंज़र मैदान ।। खींच कर ले आता है Read More