गीतिका/ग़ज़ल सुदेश दीक्षित 04/10/202404/10/2024 0 Comments ग़ज़ल पीर को वेपीर होने दीजिए,चोट को गंभीर होने दीजिए। बांध कर क्यूं रखा है हुस्न को।बात दीये कश्मीर होने दीजिए। Read More
गीतिका/ग़ज़ल सुदेश दीक्षित 11/09/202411/09/2024 मिल गया दो अंधे मिले दोनों को सहारा मिल गया।इक आवारे दिल को दूसरा अवारा मिल गया। तिनका हाथ जो लगा तो Read More
गीतिका/ग़ज़ल सुदेश दीक्षित 01/09/202401/09/2024 गजल बेसलीकी जुबां से रिश्ते फट जाते हैं।जोड़ लेने चाहिए रिश्ते जो कट जाते हैं बेवजह ज़िद करने की आदत नहीं।खुद Read More
कविता सुदेश दीक्षित 01/01/202430/12/2023 कविता तुम भी पागल मैं भी पागल।पागल अपनी प्रीत पिया।याद रखो बस उन पलों को।वो वक्त जो हमने साथ जिया। तुम Read More
गीतिका/ग़ज़ल सुदेश दीक्षित 04/07/2022 ग़ज़ल विश्वास करा भी दूं तो बताओ क्या फायदा । ज़ख्म दिखा भी दूं तो बताओ क्या फायदा। आंखें बंद करके Read More
गीतिका/ग़ज़ल सुदेश दीक्षित 23/04/201903/05/2019 ग़ज़ल मेरी आदत है मैं गिला – शिकवा नहीं रखता । असली और नकली कभी चेहरा नहीं रखता ।। टूटा कई Read More
गीतिका/ग़ज़ल सुदेश दीक्षित 17/04/2018 ग़ज़ल पाने को जिन्हे हमने ता उमर आंसू बहाए थे । खबर हमारी मौत की सुन बह मुस्कराए थे ।। फितरत Read More
गीतिका/ग़ज़ल सुदेश दीक्षित 17/04/2018 गीतिका मां नींव वन जब हर बात समझाती है । छत टिकी है घर की कैसे तव समझ आती है ।। Read More
गीतिका/ग़ज़ल सुदेश दीक्षित 20/12/2017 पिता का साया पिता का साया पिता का साया गर जिंदगी मे नही होता । मिली जिंदगी मे खुशीयों में रंग नही होता Read More
गीतिका/ग़ज़ल सुदेश दीक्षित 18/12/2017 ग़ज़ल 2 मौत मेरी तुम्हें खींचकर लाएगी तुम न चाहो तो भी रूलाएगी । खींच लिए पांव क्यों तूने राहे बीच साथ Read More