उपन्यास : देवल देवी (कड़ी 25)
22. गंधर्व परिणय कामज्वर के बाद जब देवलदेवी की चेतना लौटी तब वह लाज से सिकुड़-सिकुड़ गई। अपने प्रिये के छूने
Read More22. गंधर्व परिणय कामज्वर के बाद जब देवलदेवी की चेतना लौटी तब वह लाज से सिकुड़-सिकुड़ गई। अपने प्रिये के छूने
Read More21. प्रथम अभिसार निश्चित समय पर पिता की आज्ञा से अंगरक्षकों से सुरक्षित राजकुमारी देवलदेवी जालिपा माई के उत्सव में सम्मिलित
Read More20. प्रीत की बेला राजा कर्ण देव को अपने राज्य से भागे छः साल हो गए। अपने उद्योग और देवगिरी के
Read More19. प्रतिशोध की पहली चिंगारी ”आह यह दर्द, काफिर का खंजर था या कड़कती हुई बिजली। खबीस ने पेट फाड़ डाला।
Read More18. राजा का तुमुल नाद हर-हर महादेव और जय श्री राम के घोष के साथ सिरों पर कुसमानी पाग बाँधे राजपूती
Read More17. निर्लज्ज शर्तनामा सुल्तान की आज्ञा से उलूग खाँ और नुसरत खाँ एक बड़ी सेना लेकर राजपूताना पहुँचे। इस सेना के
Read Moreजसिरापुर और नसिरापुर दो गावं. इन दोनों गावं को विभाजित करके बहती हुई कल्याणी नदी. रात को जब इन गावों
Read More16. परंपरा का निर्वाह बौद्धधर्म के अनुयायी मंगोल तेमूचिन (जिसे संसार चंगेज खाँ के नाम से जानता है।) के समय से
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