जीवन का खेल
हे प्रभु! ये कैसी लीला है तेरीक्या सोच रहा है तू, क्या विचार है तेराजो नित्य ही मुझे असंमजस के
Read Moreहे प्रभु! ये कैसी लीला है तेरीक्या सोच रहा है तू, क्या विचार है तेराजो नित्य ही मुझे असंमजस के
Read Moreअब यह बताने का तो कोई मतलब नहीं हैकि आज एक जुलाई को मेरा जन्मदिन है,आप सभी की बधाइयाँ शुभकामनाओं
Read Moreमन स्वार्थी है, ये कहना आसान हैमगर मन स्वार्थी क्यों है?ये सोचने का हमारा मन नहीं है।क्योंकि हम खुद स्वार्थी
Read Moreहे ज्ञान की देवी मातु शारदेहम पर तनिक कृपा कर दो,मुझ पर भी थोड़ी दया कर दोहमको भी ज्ञान का
Read Moreधधक रही है सूर्य ताप से दोपहरीआकुल व्याकुल हैं जनमानसपशु-पक्षी, जीव जंतु, कीड़े मकोड़ेपेड़ पौधे और वनस्पतियाँ।सूख गये सब ताल
Read Moreआज संविधान दिवस हैआप सभी को बहुत बहुत बधाइयां हैं,इस अवसर पर कुछ तथ्य आपसे साझा करता हूँभारत का संविधान
Read Moreरायबरेली काव्य रस साहित्य मंच का प्रथम भव्य राष्ट्रीय आयोजन दिनांक 5 मई को ‘कलश उत्सव लान’ में आयोजित किया
Read Moreवाह हहहहहहह! जनाबआपका भी जवाब नहीं,एक तो आप खुद ‘मैं’ से दूर भी नहीं होना चाहतेऔर ‘मैं’ से ही जाने
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