बचपन तुम्हारे लगे सुहावने
बचपन तुम्हारे लगे सुहावनेकोयल की ज्यों मन बहलानेमदहोशी छा जातीमुश्किल से ही सम्भल पातीइस सम्भलने में भी थीअस्थिर होते मन
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Read Moreआचार्य अकादमी चुलियाणा, रोहतक (हरियाणा) द्वारा 2023 के हिन्दी साहित्य पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। श्रीमती हेमलता हिन्दी
Read Moreराह में बिछे हैं कितने कांटे और कंकड़रक्षा करना हे महादेव शंकरइस राह पर चल तो पड़े हैंपता नहीं कितने
Read Moreहवाएं सनन सनन बहती जाती। चुपके से कानों में मीठा कुछ कहती जाती।। बसंत आयी खुशियों की बहार लायी। जीवों
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