उनके बदलते अंदाज
हर मोके पर फितरत हर चेहरे पर चारा हर नब्ज़ ए मौसम पर ! हाल’ बदलते हैं, जफ़ा का खंजर
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Read Moreहृदय ही स्रोत है आशा , दया और शान्ति का हृदयंगम से ही पूर्ण हों हृदय के सम्बोधन स्वर, प्राक्कलन
Read Moreअभ्यागत है तू रत्नवति का आत्मज बना कर रखा है अंतःकरण तेरी सुधा , बालुका ही तेरी काया है साधन
Read Moreअर्द्धनारीश्वर को पूजे तू और ताने से मुझे पुकारता शिव भक्त बनता है मुझको तो तू प्रताड़ता कैसा तेरा ये
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