रिश्ता
रिश्ते का धन जग में है अनमोल पर मतलब की दुनियाँ कर दी गोल प्रेम मोहब्बत की है कहॉ अब
Read Moreले रही है तन मन धरातल पे अंगड़ाई कितना मनमोहन बसंत ऋतु है आई चारों ओर गुलशन मे फूल सुहावन
Read Moreतिरंगा हमारी आन बान शान तिरंगे हिन्द की है एक पहचान जब जब आया गुलामी की दौर हम ने थामा
Read Moreचार दिन की है चाँदनी फिर आयेगी अंधेरी रात नफरत को दूर भेज दीजीये करना है सबसे प्रेम की बात
Read Moreबिगड़ चुका जग का व्यवहार भूल गया मानव नीज संस्कार बदल दो प्रभु जगत सहचार प्रभु कब लोगे तुम अवतार
Read Moreहमने चिराग झ्सलिये जलाया कि अंधकार से मुक्ति दिलायेगा पर चिराग के संवध में पता नहीं था कि चिराग भी
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