कविता

रे दीपक तूँ तन मन से जल

रे दीपक तुँ तन मन से पल पल जल
कर देना हर घर जन जन का उज्जवल
तेरी त्याग कुर्बानी तेरी ही काम  आयेगी
जग वाले तेरे पुण्य की याद हर दिन गायेगी

तुमको जीवन उस रब ने दिया है
जन सेवा का तुम काम लिया है
दधिचि मुनि की धरती पर आया
त्याग बलिदान का है नाम कमाया

पन्ना धाई माता का पढ़ ले इतिहास
सवर्णिम अक्षर में लिखा है    खास
अमर प्राण देते है जग को   पैगाम
जन जन का पुरा करते हैं अरमान

ऋषि मुनियों का पावन देश हमारा
जन्म लिया है वीर वीरांगना   सारा
धर्म ग्रन्थ में भी पाया है नीज नाम
जग वाले ने दी है उनको  सम्मान

रे दीपक तुँ कुछ पल में मिट जायेगा
पर तेरा कर्म हर घर में जन गायेगा
तुँ ने दी है तम में भी अपनी    ज्ञान
तुमको उदय की शत शत है प्रणाम

— उदय किशोर साह

उदय किशोर साह

पत्रकार, दैनिक भास्कर जयपुर बाँका मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार मो.-9546115088