पहचान
भूल रहे हैं हम अपनी पहचान अपनी वजूद को समझो इन्सान चलो नई एक गुलशन को सजायें भारतीयता की पुरानी
Read Moreबादलों के बीच चन्दा रानी की ईशारा अमर रहेगा अपना प्यार हमारा चाँदनी ने भी सहमति अपनी जताई
Read Moreमन में तेरी ही है इन्तजार तेरे लिये मेरा दिल है बेकरार जन्मों जन्मों का है ये पावन रिश्ता दो
Read Moreरंग बदला रूप बदला बदल गया ये जहान साल बदला ताल बदला पर ना बदला जालिम इन्सान देश बदला परिवेश
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