क्षण भंगुर दुनियाँ
मत कर तुँ गुमान किसी का कुछ भी नहीं यहाँ स्थाई है पानी की बुलबुले है जिदंगी थोड़ी देर के
Read Moreमत कर तुँ गुमान किसी का कुछ भी नहीं यहाँ स्थाई है पानी की बुलबुले है जिदंगी थोड़ी देर के
Read Moreकितना मासुम था अपना वो नजारा जब माँ का मैं बेटा था बड़ा ही दुलारा गोद में अपने बिठाकर ममता
Read Moreएक जंग है मानव की जीवन टुट जाता है जग में ये तन मन जब कहीं ना होता इसका उपचार
Read Moreपहली मुलाकात की अजीब था आलम सामने पत्थर पे बैठी थी मेरी जानम सूरज भी छुप रहा था
Read Moreऋषि मुनियों की पावन इस धरती पर श्रीराम की रामराज्य कब आयेगा जिस दिन नदी के एक घाट
Read Moreबेपनाह इश्क का है ये मंजर प्रेमी के लिये समाज बना खंजर फिर भी प्रेम प्रीत हम बरसायेगों एक दुजै
Read Moreसोहरत दौलत और जवानी इक दिन इसे मिट जाना है गुरूर घमंड रे अभिमानी इक दिन ठंड पड़
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