कविता
मजबूर मत करना किसी को इस दौर में चाँदी के सिक्कों की खनक चलती है वक़्त कहाँ है अब किसी
Read Moreजब गुजर गया सोने सा वक़्त उसने कहा तुम कर लो जो करना चाहती हो कब मना किया तुमको जो
Read Moreतुम समझ जाते बिन कहे मेरे दिल का हाल । न कह पायी जुबां वो दर्द जो तुम कभी सोच
Read Moreपतझड़ के आने से क्यों डरता है मन बाबरे जीवन का नाम ही तो है सुख दुःख का पैमाना खिलेंगे
Read More