कविता
उम्मीदों का मापदंड अथाह गहराई का सागर है टूटता है जब होकर अधीर, साथ दर्द का विशाल समुद्र ले आता
Read Moreमत समझना दुनिया वालो हमें नाजुक अपनी तरह आता है हमें आज भी प्यार को बखूबी निभाना / मिले हैं
Read Moreजब गुजर गया सोने सा वक़्त उसने कहा तुम कर लो जो करना चाहती हो कब मना किया तुमको जो
Read More