कविता
तराशा है तुझको खुदा ने कुछ इस तरह कि कोई भी नुक्स नजर नहीं आता मुँह फेर लूँ गर तेरी
Read Moreमत समझना दुनिया वालो हमें नाजुक अपनी तरह आता है हमें आज भी प्यार को बखूबी निभाना / मिले हैं
Read Moreजब गुजर गया सोने सा वक़्त उसने कहा तुम कर लो जो करना चाहती हो कब मना किया तुमको जो
Read Moreतुम समझ जाते बिन कहे मेरे दिल का हाल । न कह पायी जुबां वो दर्द जो तुम कभी सोच
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