कब ड्योढ़ी लाँघ जाये
सहना क्यूँ कब तक बहना ? जब तक केवल वो बहु थी कुछ नहीं रही उसकी औकात न घर की
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Read More*ण ज्ञान हिम लौ घाट लगे संघ सौंदर्ज पुस्तक में लेख्य चै कल-आज मर्ज *ण = आभूषण *ग जाने
Read Moreजो जंग भू नभ भाग्य रंक सूना चौमासा दंग धान्य-व्याप झेले कृष त्रि ताप {1} वो हीन नजीब हाथ
Read Moreस्व आस प्रयास स्त्री प्रतिभा त्याग बेबसी बेवश खुशबू चपला नभ सेना{1} चै खिले बो याग बद्ध राग लौ स्व
Read Moreकुछ हिसाब एक जन्म में चुकता नहीं हो सकता है …. समय रहते या तो बुद्धि काम नहीं करती या
Read More1 म्हा दृशा अंकुशा स्व तराशा चित्त तलाशा तन्हा पीड़ा नाशा मैं मिटा हम हुआ 2 ही स्पर्शा वागीशा प्राप्तयाशा
Read Moreज्यूँ सुन कर्कशा स्मर-दशा पाजेब धुन संगी परदेशी व्ययन रत्नप्रभा{1} >>>>>>>>>. म्हा नन्हीं सुयशा क्रोध-वशा ध्वनी पायल पहने डोलत
Read Moreक्या तुम भी न ….. दिन भर लैपटॉप या मोबाईल में घुसी रहती हो …. या तो फेसबुक ब्लॉग या
Read Moreचै डूबा डहार लू कासार टूटे ज्यूँ तट तलमलाहट काकतालीय दुःख {1} हो चूनी कुपंथी छीने चुन्नी स्त्री परेशानी समाज
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