कविता
ऐसा क्या हो गया अपने ही दूर हो गये गैरों में प्रेम-भाव अपने द्वेष से भरे ऐसी क्या खता हुई
Read Moreजीवन के अनमोल पल को व्यर्थ नही गवाना चाहिएँ समय का सदुपयोग सदी कर नित आगे बढ़ना चाहिएँ साथी संगी
Read Moreनन्हें – नन्हें बालक हो उपवन सा सालोने हो! आँगन की फुलवारी हो मीठी सी मुस्कान हो! सबको मीठे बोल
Read Moreमेरे गिरधर सुन्दर सालोनें वंशी बजाये पनधट जाये मटकी फोड़े यमुना तट पर चीर चुरावे मधुवन बीचे गाय चरावें काली
Read Moreअजीब ये दुनिया अजीब ये सिलसिला क्यों लड़ते हैं लोग क्या मिलता है इन्हें बीज बोते हैं ये तो पौधें
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