आत्मकथा : मुर्गे की तीसरी टांग (कड़ी 16)
सांख्यिकी और अर्थशास्त्र के शिक्षकों के विपरीत हमारे गणित के शिक्षक बहुत ही औसत दर्जे के थे केवल एक अपवाद
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Read Moreआकस्मिक दुर्घटनाओं को छोड़कर सभी रोगों की माता पेट की खराबी कब्ज है। इसमें मलनिष्कासक अंग कमजोर हो जाने के
Read Moreअध्याय-6: मौजमस्ती के दिन मिले तो यूँ कि जैसे हमेशा थे मेहरबाँ। भूले तो यूँ कि गोया कभी आशना न
Read Moreश्रीमती इन्दिरा गाँधी का चुनाव रद्द होने का समाचार मुझे दिल्ली में ही मिला था, जब मैं अपना इलाज कराने
Read Moreआगरा में कुछ मुसलमानों के हिन्दू बनने से धर्मान्तरण के बारे में कई सवाल उठ खड़े हुए हैं. हिन्दू संगठन
Read Moreअध्याय-5: दिल ही तो है उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो। न जाने किस गली में जिन्दगी की
Read Moreकक्षा 9 में मेरा छात्र जीवन लगभग घटना विहीन रहा। मैं कक्षा में खूब मन लगाकर पढ़ा करता था और
Read Moreहमारे आगरा आने के कुछ दिनों बाद ही बड़े चाचाजी ने बँटवारा करा लिया। आगरा आने के कारण हमारा खर्च
Read Moreअध्याय-4: पलायन क्या पूछता है तू मेरी बरबादियों का हाल? थोड़ी सी ख़ाक लेके हवा में उड़ा के देख कक्षा
Read Moreगाँधी शताब्दी समारोह समाप्त हो जाने के बाद मैं अपनी पढ़ाई में लग गया था, हालांकि रात्रि में देर तक
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