आत्मकथा : मुर्गे की तीसरी टांग (कड़ी 8)
बाबा के ही गाँव कारब के निवासी एक अन्य अध्यापक थे श्री बाबू लाल शास्त्री। शास्त्री जी हिन्दी और संस्कृत
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Read Moreअध्याय-3: अक्ल का पुतला यादे माज़ी अज़ाब है या रब ! छीन ले मुझसे हाफिजा मेरा ।। जब मैं कक्षा
Read Moreकक्षा तीन उत्तीर्ण करने के बाद मैं कक्षा चार में आया जहाँ मेरे अध्यापक हुए पचावर गाँव के निवासी श्री
Read Moreजब मैं कक्षा तीन में आया, तो मेरे बड़े भाई श्री गोविन्द स्वरूप कक्षा 5 में पहुँच चुके थे। उनकी
Read Moreशीर्षक पढ़कर चौंकिए मत. यह पूरी तरह सत्य है. सर्दी के मौसम में आम तौर पर होने वाले जुकाम का
Read Moreअध्याय-2: श्री गणेशाय नमः कहानी मेरी रूदादे जहाँ मालूम होती है। जो सुनता है उसी का दास्तां मालूम होती है।।
Read Moreमेरे पिताजी श्री छेदा लाल अग्रवाल हैं, जो परिवार में ‘छिद्दा’ नाम से जाने जाते हैं। उन्होंने कभी कहीं पर
Read Moreअध्याय-1: मैं और मेरा परिवार वो ये कहते हैं कि ‘गालिब कौन है?’ कोई बतलाओ कि हम बतलायें क्या? विश्वनाथ
Read Moreप्राक्कथन बंदउँ गुरुपद कंज कृपासिन्धु नररूप हरि । महा मोह तम पुंज जासु वचन रविकर निकर ।। गुरु गोविन्द दोनों
Read Moreइस माह जिन दो राज्यों में विधान सभा चुनाव होने जा रहे हैं, उनमें झारखंड में तो भाजपा सरकार आना
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