उपन्यास : शान्तिदूत (पहली कड़ी)
वासुदेव कृष्ण की आँखों में नींद नहीं थी। इतिहास एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा था। विगत के कालखंड का आगत
Read Moreवासुदेव कृष्ण की आँखों में नींद नहीं थी। इतिहास एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा था। विगत के कालखंड का आगत
Read Moreबहुत से लोगों को गुर्दे में पथरी हो जाती है, जिससे बहुत असहनीय दर्द होता है. ऐलोपैथिक डाक्टरों के पास
Read Moreअजीब नज़ारा है. जिस इस्लाम को भाईचारे और समानता की मिसाल के रूप में पेश किया जाता है, आज उसी
Read Moreजब से नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ अपनी पार्टी जनता दल (यूजलेस) का गठबंधन तोडा है, तब से उनकी
Read Moreकोई नालायक और अकर्मण्य सरकार होने पर आम जनता को क्या-क्या भुगतना पड़ता है, यह उत्तराखंड की कांग्रेस सरकारों (विजय
Read Moreयह कविता मैंने उत्तर प्रदेश के २०१२ के विधानसभा चुनावों के परिणामों के तुरंत बाद लिखी थी. इसमें मैंने उ.प्र.
Read Moreकिसी भी देश में प्राकृतिक और अप्राकृतिक संकट आना साधारण बात है. अगर उस देश की सरकार जागरूक हो और
Read Moreपुणे में ‘हिन्दू राष्ट्र सेना’ नामक किसी संगठन के सदस्यों द्वारा एक मुसलमान साॅफ्टवेयर इंजीनियर की पीट-पीटकर हत्या कर दिये
Read Moreअभी तक हमारा देश मनमोहन सिंह के रूप में पिछले 10 साल से जिस प्रधानमंत्री को झेल रहा था, वे
Read More‘छोड़ दो मुझे। तुम हमारे भाई जैसे हो!’ ‘चुप रह मास्टरनी, चुपचाप चल।’ जोर की आवाजें सुनकर बाजार में सभी
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