उपन्यास : शान्तिदूत (पांचवीं कड़ी)
कृष्ण फिर पुरानी यादों में खो गये। मथुरा से सभी यादवों को निकालकर सुरक्षित द्वारिका पहुंचाना बहुत कठिन कार्य था।
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Read Moreसम्राट पांडु के बारे में सोचते हुए श्री कृष्ण उदास हो गये। नियति का कैसा क्रूर खेल था कि कुरुवंश
Read Moreविराट नगर में अपने कक्ष में लेटे हुए कृष्ण की विचार श्रृंखला आगे बढ़ी। जब राजमाता सत्यवती ने समझ लिया
Read Moreअब कृष्ण भीष्म के बारे में सोचने लगे। अत्यन्त कठोर प्रतिज्ञा करने और प्रत्येक परिस्थिति में उसका पालन करने के
Read Moreवासुदेव कृष्ण की आँखों में नींद नहीं थी। इतिहास एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा था। विगत के कालखंड का आगत
Read Moreबहुत से लोगों को गुर्दे में पथरी हो जाती है, जिससे बहुत असहनीय दर्द होता है. ऐलोपैथिक डाक्टरों के पास
Read Moreअजीब नज़ारा है. जिस इस्लाम को भाईचारे और समानता की मिसाल के रूप में पेश किया जाता है, आज उसी
Read Moreजब से नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ अपनी पार्टी जनता दल (यूजलेस) का गठबंधन तोडा है, तब से उनकी
Read Moreकोई नालायक और अकर्मण्य सरकार होने पर आम जनता को क्या-क्या भुगतना पड़ता है, यह उत्तराखंड की कांग्रेस सरकारों (विजय
Read Moreयह कविता मैंने उत्तर प्रदेश के २०१२ के विधानसभा चुनावों के परिणामों के तुरंत बाद लिखी थी. इसमें मैंने उ.प्र.
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