लघु उपन्यास – षड्यंत्र (कड़ी 29)
अपने निकट सम्बंधी पांडवों के आग में जलकर मर जाने का समाचार शीघ्र ही द्वारिका में भी पहुँच गया। महारानी
Read Moreअपने निकट सम्बंधी पांडवों के आग में जलकर मर जाने का समाचार शीघ्र ही द्वारिका में भी पहुँच गया। महारानी
Read Moreइधर दुर्योधन ने पांडवों के लिए शोक करने का दिखावा तो किया, किन्तु उसे पूरी तरह विश्वास नहीं हुआ कि
Read Moreइधर हस्तिनापुर में जब यह समाचार पहुँचा कि जिस भवन में पांडवों ठहरे हुए थे उसमें आग लग गयी है
Read More‘शिव भवन’ की आग से बचकर पांडव वन मार्ग से गंगा नदी की ओर जा रहे थे। माता कुंती को
Read Moreपांडवों की योजना के अनुसार त्रयोदशी के दिन महारानी कुंती ने ब्राह्मण भोज का आयोजन किया। उन्होंने अपने निर्देशन में
Read Moreअपनी बनायी योजना के अनुसार चारों छोटे पांडव अश्वों पर सवार होकर मृगया के बहाने वन में निकल गये। वहाँ
Read Moreजब पांडवों का दल वारणावत पहुँचा, तो वहाँ के नागरिकों ने उनका भव्य स्वागत किया। स्वागत करने वालों में पुरोचन
Read Moreपेट का दर्द अन्य शारीरिक दर्दों से अलग प्रकार का होता है इसलिए इसकी चर्चा अलग से की जा रही
Read Moreवारणावत जाने का आदेश पाकर युवराज युधिष्ठिर अपने निवास पर आये और अपनी माता कुंती तथा सभी भाइयों को इस
Read Moreइधर पूरी योजना तैयार हो जाने के बाद और वारणावत में महल बनना प्रारम्भ हो जाने के बाद शकुनि के
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