अपराध बोध
“बेटा साहब को आदाब करो।” खालिद ने उसे इशारे से कहा तो बच्चे ने हाथ उठा जरा सा सिर झुका
Read Moreभारतीय सभ्यता में आरंभ से ही ‘गुरु’ का स्थान परमेश्वर से भी ऊंचा माना जाता रहा है। गुरु के द्वारा
Read Moreसाहब! क्या देखते हो रोज-रोज इस तरह हमें, ये आप लोगों की फैलाई गंदगी को ही साफ़ करती हूँ मैं।”
Read Moreपिछले कई दिनों से अजीब कशमकश अजीब में था मैं। दरअसल यह कशमकश कुछ ही हफ़्तों पहले बड़े भाई के
Read Moreशाम ढलने लगी थी लेकिन पिछले दो पहर से बंगले के बाहर एक पत्थर पर बैठे बिप्ति के मन में,
Read More“क्या मैं आपको आगे कहीं छोड़ सकता हूँ?” उसने कार ठीक उसके करीब रोकते हुए मीठी आवाज में कहा। फ्लाईओवर
Read More“मैं अभी आई।” कहकर वह ‘पगली’ एक ओर को भाग गयी और वह हाथ में आई चोट पर ध्यान देने
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