लेख – नमक वाली चाय
आज बहुत दिनों के बाद चाय पीने का मन कर रहा था. यूँ तो मुझे चाय पीने की आदत है
Read Moreआज बहुत दिनों के बाद चाय पीने का मन कर रहा था. यूँ तो मुझे चाय पीने की आदत है
Read Moreजब पाँच साल का था तब से तिरंगा लेकर दौड़ा करता था. जय हिन्द के नारों से पूरा घर गुँजा
Read Moreहै धन्यवाद उस पत्थर को जिससे पाँवों ने चोट खायी हैं हृदय में तीखा दर्द उमड़ा है आँखों से बूँदे
Read Moreयही है रूप विधाता का जो माता कहलाती है. पिता के पुण्य को लेकर स्वरक्त से सिंचित करती है सहकर
Read Moreजब कभी मेरी बात चलेगी कुछ चेहरों पे हँसी खिलेगी कुछ पलकों पर मोती होंगे और हँसके कुछ लोग कहेंगे
Read Moreजैसे दिन चढता है मन में अँधेरा बढ़ता है तपता सूरज हो जैसे मन ये मेरा जलता है बहूत ही
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