मकड़ी के जाले
मकड़ी के जाले ************ न अभिमान कर… वर्तमान का, और इसकी ऊंचाइयों का ! कल भूतकाल बन… ये भी रखा
Read Moreमकड़ी के जाले ************ न अभिमान कर… वर्तमान का, और इसकी ऊंचाइयों का ! कल भूतकाल बन… ये भी रखा
Read Moreमास चैत्र चला आया ,ताप सूर्य का दग्धाने लगा सूखे सरोवर औ तालाब ,खग पंछी लगे अकुलाने ताँक -झाँक करे
Read Moreएक दीपक जलाया है मैंने प्रेम का आशा का उम्मीदों का मिटाता रहेगा भीतर का अंधियारा तब तक जब तक
Read Moreबेअदब दुनिया वाले आज उठा रहें हैं अदब का ज़नाज़ा, जिसका जितना ऊंचा कद उतना ऊंचा उठता है ज़नाज़ा ,
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