कविता : माँ को पयाम
मैं ख्याल की धरती पर माँ को पयाम लिखती हूँ अता की जो तुमने ये दुनिया मुझे सिर को झुकाकर
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Read Moreकथा सुनाता हूँ एक तुम भी सुन लो ध्यान लगाय बाद महाभारत अर्जुन के मन में गर्व समाय मारुती भी
Read More(यूपी से स्पेशल होली की शुभकामनायें देती रंगभरी कविता) अब के पहले होली थी बस अख़बारों की होली सत्ता मद
Read Moreवो बुतसाज मेरे नज़दीक आया मुझे लगा…. अब वो मुझ मे से मुझे तराशेगा…. “आह! कितना सुंदर पत्थर !” मेरे
Read Moreवो रोज़ ही मुझे देख मुस्कुराता,उछलता हाथ चूमता और फिर आगोश मे ले लेता क्योकि वो मेरे रूह और जिस्म
Read Moreपिता-पुत्र के दंगल में बिखर गया परिवार। सत्ता हाथ से निकल गई डुब गई सरकार।। साइकिल की रफ्तार को हाथ
Read Moreप्रज्वलित कर मन की वेदीकर्मों की ले समिधा बना कुछ धृत अश्रु चढ़ा तभीएक हवन कुंड खुद में बना।। पत्त्थर
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