पक्ष
स्त्री की उत्पीड़न की आवाज टकराती पहाड़ो पर और आवाज लोट आती साँझ की तरह नव कोपले वसंत मूक बना कोयल
Read Moreदेश भक्ति का पाठ चलो सबको पढ़ाते हैं । हर घर में सोया है सुभाष आओ मिलकर जगाते हैं ।
Read Moreकहाँ हो तुम सप्ताह के अंत में होता था तुम्हारा आना … वो एक शाम जो गुजारा करते थे तुम
Read Moreमाँ सरस्वती के चरणों में शत शत नमन, –सत्य लेखन ही सरस्वती पूजा है– लेखनी तो सरस्वती है, इसका अपमान
Read Moreना बांधो मुझे बंदिशों में मुझे आवारा रहने दो परे रखो साजिशों को मुझे आवारा रहने दो मुझे आवारा रहने
Read Moreआज चलो तुम मेरे साथ लेके हाथों में हाथ आशा रहती है नदियां के पार बैठो कश्ती में और खेओ
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