कविता- देश भक्ति की लहर
देश भक्ति का पाठ
चलो सबको पढ़ाते हैं ।
हर घर में सोया है सुभाष
आओ मिलकर जगाते हैं ।
शेखर आजाद भी कहीं
किसी भीड़ में खोए हैं ।
पग पग पग बढ़ाते चलो
उन्हे फिर ढूंढ लाते हैं ।
भकत सिंह की तेज को
प्रकाश की आश बनाते हैं ।
देश भक्ति का पाठ
चलो सबको पढ़ाते हैं ।
बिस्मिल की आंधी
एक बार फिर ले आते हैं ।
श्री लाल-बाल और पाल की
ज्योत फिर जलाते हैं ।
देश भक्ति का पाठ
चलो सभी को पढ़ाते हैं ।
अटल की अटलता का
रूख फिर बन जाते हैं ।
शास्त्री जी सा साहस लाकर
नए क्रांती का जनक बन जाते हैं ।
इकबाल की कलम से
सोए देश को बुलाते हैं ।
बंकिमजी के भाव से
राष्ट्र का जयघोष लगाते हैं ।
देश भक्ति का पाठ
चलो सभी को पढ़ाते हैं ।
सोया पड़ा है देश मेरा
इसका आलस मिलकर भगाते हैं ।
आओ देश के सपूतों
देश भक्ति की लहर चलाते हैं ।।
— मुकेश सिंह
सिलापथार, असम
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